दस भाषाओं में गाए 10 हजार गाने, एआर रहमान की थीं फेवरिट सिंगर- 37 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

भारतीय सिनेमा के कई सितारे ऐसे रहे हैं, जिन्होंने थोड़े ही समय में खूब नाम कमाया. हालांकि कुछ सितारों ने दुनिया को उस वक्त अलविदा कह दिया जब वह अपने करियर की ऊंचाइयों पर थे. इनमें से कुछ सितारे तो ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने बहुत कम उम्र में दुनिया को छोड़ दिया. आज हम आपको भारत के एक ऐसी ही सितारे से रूबरू करवाएंगे, जिन्होंने कम उम्र में ही सुर्खियां बटोरीं, लेकिन उन्होंने बहुत जल्द दुनिया को भी अलविदा कह दिया. हम बात कर रहे हैं मशहूर सिंगर स्वर्णलता की. 

स्वर्णलता हिंदी और साउथ संगीत का एक मशहूर नाम थीं. उन्होंने अपने पूरे करियर में तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, हिंदी और बंगाली सहित 10 भाषाओं में 10 हजार गाने गाए थे. लेकिन स्वर्णलता ने सबसे ज्यादा गाने साउथ सिनेमा की फिल्मों के लिए गाए थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1987 में की थी. उन्होंने फिल्म नीतिक्कु थंडानै में केजे येसुदास के साथ ‘चिन्नाचिरु किलिये’ गाना गाया था. इसके बाद स्वर्णलता ने कई अन्य संगीत निर्देशकों के साथ काम किया और खूब नाम कमाया. बहुत कम उम्र में उन्होंने संगीत की दुनिया में अपनी खास जगह बना ली. 

स्वर्णलता के गाने को दुनिया दीवानी थी. खुद मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर एआर रहमान भी उनकी गानों की तारीफ कर चुके हैं. लेकिन स्वर्णलता ने बहुत कम उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनका जन्म साल 1973 में केरल में हुआ था. महज 37 साल की उम्र में स्वर्णलता ने साल 2010 को दुनिया को अलविदा कह दिया था. वह इडियोपैथिक फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त थीं. स्वर्णलता ने चेन्नई के मलार हॉस्पिटल्स लिमिटेड अडयार में आखिरी सांस ली. 
 

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